शनिवार, 8 अगस्त 2009

पिंडदान

पिंडदान

पंडित की विद्वता पर

कोई शक करे और प्रशन पूछे

किसी की क्या है मजाल,

डर लगता है सबको

उस अनहोनी का

कि कहीं और न बिगड़ जाए

बिगडे वक़्त कि चाल,

चाहे ख़ुद अपने कर्मों से पाले हों

जिंदगी के सारे बवाल,

क्योंकि कोई पिता

बच्चों कि जिंदगी मैं

नहीं घोलता ज़हर

और नाही पालता कोई जंजाल,

पर पिंडदान और पूर्वजों को तर्पण के वक़्त

दरिया के किनारे

एक मसखरे यजमान ने

पण्डे से दाग दिया एक सवाल,

और पूँछ ही लिया

पंडित जी के स्वर्गवासी पितरों का हाल,

मेरे पितरों का उद्धार करने वाले श्रीमन

उस लोक मैं क्या है आपके पितरों का हाल,

पोथी - पत्रा से डरकर, जीकर या मरकर ,

रुपया दो रूपया, अन्न-जल, दाना - पानी

अपने पितरों को हम तो ऊपर पहुंचा देते ,

आप भी अपने पितरों को

ऐसा ही कुछ करते हैं

या उन्हें यूँ ही टरका देते हैं,

पिंडदान मैं चढा माल

बटोरता हुआ पंडा मुस्कराया

बोला हमें पुश्तों से

यजमानों का ही सहारा है,

इस लोक मैं हमें आपसे

उस लोक मैं हमारे बाप को

आपके पितरों से गुज़ारा है

ऊपर माल भेजने का जो चमत्कार

आप यहाँ हमसे करा रहे हैं,

उस लोक मैं हमारे बाप

आपके पितरों को

कुछ ऐसे ही चरा रहे हैं,

हमें एक तरफ़ लुटा हुआ

निर्विकार यजमान

दूसरी तरफ़ दरिया मैं उतराता

गिध्धों द्वारा नोचा जाता

निश्चेष्ट शव तो नज़र आ रहा था,

पर शव और यजमान की चेतना मैं

अन्तर क्या है

मैं यह नहीं समझ पा रहा था,

"गोपाल जी"




2 टिप्‍पणियां:

  1. This is a good post that makes us think about what we get into when problems happen in our lives.

    But can you suggest what should one do? I agree it may be impractical, but from a social perspective, I believe these help create an important memory of the deceased among the family members. And, perhaps just that is the importance of it. What do you have to say on this?

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  2. Mr. Kush. Will you feel the son remember his parents daily by his good deeds for those living and disable personal just like his parents, honour them and feed them, is greater than the son who is doing this type of pooja and did not care his parents in his life ?
    1-Kya kisi pratha ke aadhin hokar samman karna chahia athava sadaiv.
    2- Dil se ki gayi pooja dhog se jyada achchi hiti hai
    3- jo beta apne mata pita ki yaad main apne do ashkon ka tarpan karta hai woh kahin jyada shreshth hota hai.

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